19 अक्टू॰ 2010

क्यों गरम हो रहा है सुंदरवन का पानी?

सुंदरवन के पानी का तापमान तेजी से बंढ रहा है। तीन दशकों से यह लगातार 0-5 डिग्री सेल्सियस की प्रति दशक से बढ रहा है। विज्ञान जनरल 'करेंट साइंस' में यह खुलासा किया गया है।

भारत और अमेरिका के वैज्ञानिकों ने 1980 से लगातार 27 साल के अपने अध्ययन में पाया है कि इसके इलाके के भूतल के तापमान में 1.5 डिग्री का इजाफा हुआ है। अगर इसी गति से यह तापमान बढता रहा, तो यहाँ की वन्य प्रजातियां लुप्त हो जाएंगी।

यूनेस्को की विश्व धरोहर की सूची में शामिल सुंदर भारत और बांग्लादेश की सीमाओं में फैला है, जहाँ पर अनेक लुप्तप्राय प्रजातियां पाई जाती हैं। वैज्ञानिकों ने पाया है यहां की नदी के मुहानों पर गाद एवं ठोस अपशिष्ट जमा हो रहे हैं, जिससे ताजा जल का प्रवाह बाधित हो रहा है और पारिस्थिकी तंत्र भी बिगड़ रहा है।

इस बदलाव पर ध्यान देने की आवश्यकता है, अन्यथा वह दिन दूर नहीं जब सुंदर वन वीरान वन में बदल जाएगा और हम हाथ मलते रह जाएँगे।

13 टिप्‍पणियां:

श्यामल सुमन ने कहा…

एक सोचनीय बिषय - सचमुच गम्भीरता से सोचने की जरूरत है। सार्थक पोस्ट।
सादर
श्यामल सुमन
www.manoramsuman.blogspot.com

Dr.J.P.Tiwari ने कहा…

तीन दशकों से यह लगातार 0-5 डिग्री सेल्सियस की प्रति दशक से बढ रहा है। सचमुच गम्भीरता से सोचने की जरूरत है। एक सार्थक पोस्ट,सोचनीय बिषय।

प्रतुल वशिष्ठ ने कहा…

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प्रकृति पर आपकी पैनी नज़र
जागरूकता के लिए आपकी ये खबर
मेरे दिल-ओ-दिमाग पर हुआ असर
मैं आज से बनता हूँ इस ब्लॉग का फोलोअर

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बेनामी ने कहा…

पर्यावरण के प्रति सजगता का सन्देश देती प्रेरक पोस्ट

राजीव थेपड़ा ( भूतनाथ ) ने कहा…

aapki chinta....sachmuch abhinandneey hai

कुमार संतोष ने कहा…

सचमुच पर्यावरण के बदलते प्रभाव का बहुत बुरा असर होने वाला है हम सब के जीवन पर ! इस विषय मैं बहुत गंभीरता से विचार करना चाहिए हम सब को ! अच्छी पोस्ट, बधाई !


"मचान" ख्वाबो और खयालों का ठौर ठिकाना....!

शाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद'' ने कहा…

बेहद चिन्तनीय.

D.P. Mishra ने कहा…

VERY NICE RIPORTS.......

Amit K Sagar ने कहा…

चिंतनीय व विचारणीय, जागरूकता वाला लेखन बहुत अच्छा लगा.
लिखती रहिए. शुभकामनाएं.
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वात्स्यायन गली

गोविंद गोयल, श्रीगंगानगर ने कहा…

jandar,shandar,damdar.narayan narayan

Neha Mathews ने कहा…

sarthak blog.likhte rahe.

बेनामी ने कहा…

शानदार प्रयास बधाई और शुभकामनाएँ।

-लेखक (डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश') : समाज एवं प्रशासन में व्याप्त नाइंसाफी, भेदभाव, शोषण, भ्रष्टाचार, अत्याचार और गैर-बराबरी आदि के विरुद्ध 1993 में स्थापित एवं 1994 से राष्ट्रीय स्तर पर दिल्ली से पंजीबद्ध राष्ट्रीय संगठन-भ्रष्टाचार एवं अत्याचार अन्वेषण संस्थान- (बास) के मुख्य संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। जिसमें 05 अक्टूबर, 2010 तक, 4542 रजिस्टर्ड आजीवन कार्यकर्ता राजस्थान के सभी जिलों एवं दिल्ली सहित देश के 17 राज्यों में सेवारत हैं। फोन नं. 0141-2222225 (सायं 7 से 8 बजे), मो. नं. 098285-02666.
E-mail : dplmeena@gmail.com
E-mail : plseeim4u@gmail.com

अरविन्द शुक्ल ने कहा…

आपका स्वागत है।